जय गोलू देवता,
जय जय तुम्हारी
मेरे इष्ट
,जय जय तुम्हारी।
ओ, बालागोलिया,ओ दूधाधारी ,
मेरे इष्ट,
जय जय तुम्हारी।
तुम्हारी शरण में आता जो,
खाली हाथ न जाता वो।
एक बार जो पुकारे नाम तुम्हारा
,
कृपा अपार है पाता वो।
नितदिन पूजें तुम्हे, ऐ कृष्णावतारी
मेरे इष्ट,
जय जय तुम्हारी।
सुखी दुखी सब तुम्हारे पास आये
,
न्याय मांगे तुम से गुहार लगाये।
तुम से भी न दुःख देखा जाता
,
हर भक्त के दुःख दूर भगाए।
तुम ही हमारे न्यायधीश, तुम न्यायकारी ,
देश विदेश से भक्त हैं आते
,
कृपा तुम्हारी है सभी वे पाते।
अर्ज़ियाँ लगाते
,मिन्नतों की
,
घंटिया चढ़ाते, तुम्हारे गुण गाते।
तुम्ही सब कुछ, तुम्ही पालनहारी ,
मेरे इष्ट
,जय जय तुम्हारी।
रचनाकार - वैभव जोशी (सर्वाधिकार सुरक्षित )
उत्तराखण्ड मेरी जन्मभूमि
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