Tuesday, 31 October 2023

कुमाऊंनी मुकुट | Kumauni Mukut Online |

आप भी श्री सुरेश चन्द्र जोशी द्वारा निर्मित सुन्‍दर कुमाऊंनी मुकुट भारत में कहीं भी निम्न मोबाइल नंबर पे संपर्क करके माँगा सकते है।

 +91-9927921662             



भारत मान्यताओं और संस्कृति की अनूठी परम्पराओं का देश रहा है। इन्ही संस्कृति में शादियों में दूल्हा और दुल्हन के मुकुट पहनने की परम्परा लगभग पूरे भारत वर्ष में पायी जाती है, बस संस्कृति के अनुसार मुकुट बदल जाते है। कुमाऊंनी मुकुट की खासियत इसका आकार, सजावट व गणेश और राधा-कृष्ण के चित्र हैं। कुमाउँनी विवाह में वर-वधु के मस्तक पर मुकुट बांधने की बहुत पुरानी परम्परा है। मुकुट बनाना एक प्रकार की हस्तशिल्प कला है। हाथो द्वारा ही मुकुट को आकार तथा सजाया जाता है पिछले कुछ दशक तक कुमाउँनी मुकुट बांस के सीक से बनाये जाते थे। सीक के दोनों तरफ सादा पेपर चिपका कर हल्का सा गोल घुमा कर इसके किनारे पर कागज के रंगीन फूल बनाये जाते थे। बीच में राधा-कृष्ण और गणेश के चित्र, मुकुट के ऊपर दो तोते के चित्र होते थे। वर के मुकुट पर श्री गणेश का चित्र शुभ फलदायक और वधू के मुकुट पर राधा कृष्ण का चित्र अटूट प्रेम का प्रतीक होता है। ( Kumaoni Mukut - Traditional Kumauni Wedding )

बदलते दौर के साथ मुकुट और इसके पहनने के तरीके में काफी बदलाव आया है, अब मुकुट गत्ते से बनाए जाते हैं। राधा-कृष्ण और गणेश के चित्र भी दिल्ली से छप के आने लगे हैं। मुकुट पर बनने वाले फूल और तोते की जगह लेस ने ले ली है। मुकुट का साइज भी मांग के अनुसार छोटा हो गया है।

यह मान्यता भी है कि वर बारात के घर वापिस लौटने के बाद मुकुटों को पूजा पाठ के बाद पानी के स्रोतो जैसे नौलों के पास रख दिया जाता है। कुमाऊँ क्षेत्र के सबसे प्राचीन मुकुट विक्रेता श्री सुरेश चन्द्र जोशी जी (पं. गोपाल दत्त जोशी, बुक सेलर, चौक बाजार, अल्मोड़ा) बताते है कि कुमाउँनी मुकुट की बिक्री अल्मोड़ा से ही शुरू हुई थी। 1990 के आस पास तक मुकुट अल्मोड़ा से ही पूरे कुमाऊं में भेजें जाते थे। उनके दादा पंडित गोपाल दत्त जोशी जी ने 1898 में मुकुट बना कर बेचने की शुरुआत की थी। जोशी जी बताते है कि 1970 में एक जोड़ा मुकुट लगभग 60 पैसे में आता था, जबकि महंगा मुकुट 5 रुपए का आता था।  गत्ते पर प्रिंटेड फोटो और लेस चिपका कर मुकुट बनाने का कार्य अब भी वह स्वयं ही कर रहे है।( Kumauni mukut online) 


लेखक - श्री सुरेश चन्द्र जोशी, श्री पं० गोपाल दत्त जोशी, बुकसेलर, चौकबाजार, अल्मोड़ा

www.umjb.in

Saturday, 13 June 2020

Heera Singh Rana - Biography | Uttarakhand Folk Singer Died due to Heart Attack

https://umjb.in/gyankosh/heera-singh-rana-uttarakhand-folk-singer
उत्तराखंड के मशहूर लोक गायक हीरा सिंह राणा जी का निधन। सेल्समैन की नौकरी छोड़ संगीत की स्कालरशिप लेकर देश विदेश में अपनी संस्क्रति अपनी भाषा के प्रति समर्पित माँ सरस्वती के उपासक।

नही रहे राज्यान्दोलन की अग्रिम पंक्ति के नायक एवं महानगर दिल्ली में क्षेत्रीय बोली भाषा प्रचार प्रसार हेतु बनी दिल्ली सरकार की उत्तराखंड की कला-संस्कृति अकाडमी के उपाध्यक्ष  लोकगायक एवम जनकवि श्री हीरा सिंह राणा जी

Tuesday, 22 October 2019

एक अलख पहाड़ से : मासी हाफ मैराथन


रामगंगा के किनारे बसा मासी (तल्ला गेवाड़ )एक खूबसूरत घाटी  है।  मासी , चौखुटिया से 13  किमी० की दूरी पर स्तिथ है।  मासी , भूमिया देव के मंदिर और सोमनाथ मेले के लिए प्रसिद्ध है।



                    20 अक्टूबर 2019 को मासी में  डॉ० कपिल गौर द्वारा  हाफ मैराथन का आयोजन किया गया। हाफ  मैराथन में लोगो ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मैराथन में महान पर्यावरणविद जगत सिंह चौधरी ‘जंगली’ और एवरेस्ट विजेता शीतल राज आदि मौजूद रहे। हाफ मैराथन की कुछ तस्वीरें -
  


















Tuesday, 16 July 2019

आज है हरेला पर्व

हरेला पर्व पे आधारित बहुत ही सुंदर डॉक्यूमेंट्री।
https://youtu.be/lFx5P4IuzWY

हरेला पर्व के बारे में जाने।
https://umjb.in/gyankosh/harela-folk-festival-of-kumaon

Saturday, 6 July 2019

आज है कबूतरी देवी जी की पहली पुण्यतिथि।

कबूतरी देवी ने देश के तमाम आकाशवाणी केन्द्रों में सत्तर और अस्सी के दशक में धूम मचा दी थी। उनकी पहली पुण्यतिथि पर विशेष..
https://umjb.in/gyankosh/kabutari-devi--first-women-folk-singer

सोर घाटी की पहचान कबूतरी देवी जी का अंतिम इंटरव्यू..
https://www.youtube.com/watch?v=NAkBnA56yj0&t=4s

Thursday, 14 March 2019

Uttarakhandi Old Songs Mashup | Kumauni/Garhwali

उत्तराखंड के कुछ पुराने सदाबहार गीतों का एक mashup . जरूर सुनियेगा।
https://youtu.be/uChRKOa7fzQ

Saturday, 9 March 2019

मदमहेश्वर मंदिर (MadhMaheshwar Temple)


Madhmaheshwar Temple, Rudraprayag
    मद्महेश्वर मंदिर के बारे में जाने -    https://umjb.in/gyankosh/madhyamaheshwar

Mount Mandani & Chaukhamba from Boodha Madhmaheshwar meadow

Mount. Chaukhamba view from Boodha Madhmaheshwar 

Thursday, 28 February 2019

Buransh - Gift of nature | बुरांश - प्रकर्ति का वरदान

Buransh
प्रकृति द्वारा पहाड़ो को अनुपम वरदान मिला हुआ है। चाहे हम मौसम की बात करें, पहाड़ों की बनावट व खूबसूरती की बात करें या यहां होने वाले फल, फूल, वनस्पतियों की बात करें, प्रकृति ने पहाड़ो को हर ऋतु में कुछ न कुछ प्रदान करके खास दर्जा प्रदान किया हुआ है। वैसा ही एक खास मौसमी फूल है - बुरांश। हरे घने पेड़ों के बीच लाल बुरांश, ऐसा लगता है मानो किसी ने प्रकृति को लाल श्रृंगार से सुशोभित किया हुआ हो। 

बुरांश के बारे में यहां पढ़े -https://umjb.in/gyankosh/buransh--state-tree-of-uttarakhand


बुरांश से जुड़ी उत्तराखण्ड में एक लोक कथा भी है। जरूर पढ़े -
https://umjb.in/lokkathaye/buransh--folk-story


बुरांश की कुछ तस्वीरें -


बुरांश और हिमालय
दारमा घाटी में खिला गुलाबी रंग का बुरांश


Saturday, 9 February 2019

जानिए क्यों मनाया जाता है बसंत पंचमी

सुप्रभात माँ सरस्वती के पावन पर्व बसन्त पंचमी की आप और आपके परिवार जनो को बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएँ।
https://umjb.in/gyankosh/basant-panchami

Thursday, 7 February 2019

Ekta Bisht - Biography Uttarakhand First Women Player

उत्तराखंड की पहली महिला खिलाड़ी एकता बिष्ट के जन्मदिन पर विशेष।
https://umjb.in/gyankosh/ekta-bisht--first-women-player-of-uttarakhand

Saturday, 2 February 2019

Jeet Singh Negi | Biography | जीत सिंह नेगी | जीवनी



उत्तराखंड में लोकगायन के क्षेत्र में जीत सिंह नेगी का नाम अग्रणी लोगों में शुमार है। वह उत्तराखंड के पहले ऐसे गायक हैं, जिनके गीतों को पेशेवर कंपनी ने रिकॉर्ड किया था। जीत सिंह ने कई पहाड़ के कई युवाओं को गायक बनने की प्रेरणा दी.
जानिए गढ़वाली गीतों के गॉडफादर जीत सिंह नेगी जी के बारे में .... https://umjb.in/gyankosh/jeet-singh-negi