Friday, 27 July 2018

A Talk with Padma Shri Love Raj Singh Dharmshaktu by Neeraj Bhatt | लव राज सिंह धर्मशक्तू


You can connect to Sri Love Raj ji From Fb -
Fb  Page -
https://www.facebook.com/LoveRajSinghDharmshaktu/
Profile -
https://www.facebook.com/loveraj.dharmshaktu

श्री नैन नाथ रावल - एक मुलाकात - Part 1 | A Talk With Nain Nath Rawal Ji | Nyoli | Jagar | Interview


श्री नैन नाथ जी जिन्हे कुमाउँनी गीतों का भीष्म पितामह भी कहा जाता है। हमने इस साक्षात्कार के माध्यम से नैन नाथ जी के जीवन व  हमारे लोकगीतों को जानने  की कोशिश की है। नैन नाथ जी उन लोक गायकों में से है जिन्होंने लोकगीतों को जिया है। आज हमारे कुमाऊं में सायद ही कोई इनकी जैसी न्योली गता हो।
 नैन नाथ जी के गीतों को यहाँ भी सुन सकते है।
https://www.youtube.com/channel/UCzthaYW83Aj6Ocu5vnrR-3A/featured
ये हमारे सौभाग्य है की हमे नैन नाथ जी के गांव जाने का मौका मिला और हमने और भी बहुत सी बाते उनसे की जिसे हम जल्द ही Part 2 के माध्यम से आप के सामने रखेंगे।

हमसे जुड़े :-
Facebook: https://www.facebook.com/umjb.in/
Instagram: https://www.instagram.com/uttarakhandmjb
Twitter: https://twitter.com/Uttarakhandmjb
Youtube: https://www.youtube.com/channel/UCv8d6hFOkuXWVqd4p-F7mVg

Harela | यो दिनमान भेटनै रैया. | Uttarakhand Folk Festival | Short Documentary | Neeraj Bhatt


पहाड़ों में बारिश मतलब चौमास....चौमास मतलब सावन और सावन मतलब लोकपर्व हरेला। तो आइये जानें अपने तीज त्यौहार और लोक मानस को इस शार्ट डाक्यूमेंट्री के माध्यम से।
      "जी रैया,जागि रैया
       यो दिनमास भेटनै रैया..."
अधिक जानकारी के लिए लिंक देखे।
https://umjb.in/gyankosh/harela--folk-festival-of-kumaon

Visit our Website:-
www.umjb.in
Like our FB page: https://www.facebook.com/umjb.in/
Twitter:-
https://twitter.com/Uttarakhandmjb
Youtube:-
https://www.youtube.com/channel/UCv8d6hFOkuXWVqd4p-F7mVg

Monday, 9 July 2018

सोर घाटी की पछ्याण कबूतरी देवी को नमन | A Talk with Kabutari Devi by Neeraj Bhatt | Interview


सोर घाटी की लय और डोटी अंचल की ठसक में ऋतुरैन्न गाकर कुमाउनी लोकगीतों को विशेष पहचान देनेवाली कबूतरी देवी 73 वर्ष की उम्र में इस नश्वर संसार को छोड़कर चले गयी।
काली कुमाऊँ में देव राम और देवकी देवी के घर में जन्मी कबूतरी देवी को पारंपरिक लोकगीत विरासत में मिले।
पति दीवानी राम के प्रोत्साहन और भानु राम सुकोटी के निर्देशन में उन्होंने ससुराल में लोकगीत का सिलसिला जारी रखा। वो बताती थी के पहले पहल तल्ला ढिकुरी के हेमराज ने उन्है मंच दिया। बाद में हेमंत जोशी द्वारा अल्मोड़ा में सम्मानित किया गया। बाद में लखनऊ आकाशवाणी से ऋतुरैंन उनकी आवाज में इन फिजाओं में गूंजे। बम्बई आकाशवाणी में उन्है आमंत्रित किया गया। फिर नजीबाबाद और अल्मोड़ा केंद्र में उनके दर्जनों गीत रिकॉर्ड किए गए। देश के तमाम हिस्सों में उन्होंने न्योली ,छपेली गाकर जनमानस को खूब रिझाया।
उनके गाये गीत हैं
बरसो दिन को पैंलो म्हैना,
पहाड़ो ठंडू पाणी, मैसो दुःख क्वे जानी ना, चामल बिलोरा,
उनके तीन बाचे हैं 2 बेटियां और 1 बेटा, बेटा बचपन में ही घर छोड़कर चला गया।
उनकी दीदी का बेटा है पवनदीप राजन हैं
अधिक जानकारी के लिए लिंक देखे।
https://umjb.in/gyankosh/kabutari-devi--first-women-folk-singer

Interview by :- Neeraj Bhatt
Sampadan :- Shashank Rawat
Video by :- Umjb

Visit our Website:- www.umjb.in