क्या अपने सुनी है गढ़वाल में प्रचलित यह लोककथा - 'उमा'
"कहा जाता है कि नन्हीं उमा ही अगले जन्म में हिमालय की पुत्री उमा बनीं। शिव जी का जब उमा से विवाह हुआ तो उन्होंने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर हिमालय में उगने वाले इन देवदार वृक्षों को अपने दत्तक पुत्र के रूप में स्वीकार किया।" पूरा पढ़े - https://umjb.in/lokkathaye/deodar-a-story-of-uma
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